पपीते के पत्ते,बीज,और लेटेक्स (दूध) के फायदे

Papaya

पपीते के पत्ते और बीज के फायदे की जानकारी बहुत कम लोगों को है। क्या आप इस से परिचित हैं? पपीते के पत्ते और बीजों में छिपे हुए अद्भुत स्वास्थ्य लाभ हैं जिन्हें हमें कतई नजर अंदाज नहीं कर सकते।

हम सभी जानते हैं कि पपीता सेहत के लिए कितना गुणकारी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पपीते के पेड़ का हर हिस्सा  हमारे स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होता है? चाहे वह पत्ते हों, फूल हों, बीज हों या उसकी जड़ सबकुछ उपयोगी है। आज हम पपीते के पत्तों, बीजों, जड़ तथा अन्य भाग से स्वास्थ्य को पहुंचने वाले लाभो पर चर्चा करेंगे।

पपीता का पेड़ | Papaya tree | Papita ka Ped

पपीता का पेड़ एक उष्णकटिबंधीय (tropical)पौधा है और इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • ऊंचाई और आकार: पपीता का पेड़ आमतौर पर 2 से 10 मीटर तक ऊँचा होता है। यह सीधा और कम शाखाओं वाला होता है।
  • तना: इसका तना नरम, खोखला और स्तंभ के आकार का होता है। तने पर निशान पाए जाते हैं जो पुराने पत्तों के निशान होते हैं।
  • पत्तियां: पपीते के पत्ते बड़े, गोलाकार और पंखे के आकार के होते हैं, जो तने के शीर्ष पर एक छतरी की तरह बढ़ते हैं। पत्तियां हरी और गहरे रंग की होती हैं।
  • फूल और फल: पपीते के पेड़ पर नर और मादा फूल (papaya flower) अलग-अलग होते हैं। फल आमतौर पर बड़े, गोल या लंबे होते हैं, और पकने पर इनका रंग हरा से पीला या नारंगी हो जाता है।
  • विकास और उत्पादन: पपीता तेजी से बढ़ता है और कुछ ही महीनों में फल देना शुरू कर देता है। यह फल लगभग पूरे साल उपलब्ध रहते हैं।
  • खेती: पपीते की खेती आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु में की जाती है। इसे गर्म और नमी युक्त मौसम पसंद है। खेती के लिए धूप और अच्छी जल निकासी वाली ज़मीन आवश्यक होती है।
  • आयु: पपीता का पेड़ जल्दी फल देने लगता है, लगभग 6-12 महीने में। इसकी उत्पादकता आमतौर पर 3 से 4 साल तक रहती है।

पपीते के पत्ते | Papite ke Patte

Papaya

पपीते के पत्तों की खास बात यह है कि वे बहुत बड़े और चौड़े होते हैं। उनका आकार स्टार जैसा , तथा  किनारे थोड़े  उठे हुए और नुकीले होते हैं। जब हम पत्ते की सतह को छूते हैं, तो वह खुरदरी महसूस होती है। उनका हरा रंग और पतली और लचीली प्रकृति उन्हें खास बनाती है।

पपीते के पत्तों पर 5-9 पालियाँ (Stems) होती हैं जो मध्य से बाहर की ओर फैली होती हैं। इसके अलावा, उन पर पीली शिराएँ भी होती हैं, जो उन्हें अद्वितीय बनाती हैं।

पपीते के पत्ते के गुण | Carica papaya leaf properties

पपीते के पत्तों में पैपैन, क्लोरोफिल, विटामिन C, विटामिन A, फ्लावोनोइड्स, अल्कलॉयड्स, कार्बोहाइड्रेट और डाइटरी फाइबर प्रमुख पोषक तत्व हैं। ये तत्व पपीते के पत्तों को उनकी उपयोगिता और औषधीय गुणों के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं।

पपीते के पत्ते के फायदे | Papita ke Patte ke Fayde

पपीते के पत्ते के फायदे पपीता के फायदे से कम नहीं हैं, आइए जानें कैसे:

1) डेंगू में पपीते के पत्ते | Papaya Leaf Juice for Dengue

Giloy to fight dengue

ध्यान दें: यह जानकारी केवल एक घरेलू उपचार के रूप में है और इसे किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

पपीते के पत्ते का जूस पीने से प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि हो सकती है और यह डेंगू के लक्षणों को कंट्रोल करने में मददगार हो सकता है, लेकिन इसे डॉक्टर के निर्देशित उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। पपीता के पत्तों में ऐंटी-वायरल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो डेंगू के वायरस को नष्ट करने में मदद कर सकते हैं, परंतु डेंगू एक गंभीर बीमारी है और इसके उपचार के लिए चिकित्सकीय परामर्श और उपचार अत्यंत आवश्यक है। किसी भी तरह के घरेलू उपचार को आजमाने से पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

पपीते के पत्तों का अर्क | Papaya Leaf Extract

पपीता के पत्ते का रस बनाने का संक्षिप्त तरीका:

  • ताजा पपीते के पत्ते धोएं।
  • बारीक काटें और मिक्सर में पीसें।
  • छलनी से छानकर तुरंत पीएं।

Note: ये रस ताज़ा ही पीना चाहिए बिना कुछ मिलाये।

2) मलेरिया की रोकथाम | Benefits of papaya leaf in Malaria

Malaria

ध्यान दें: यह जानकारी केवल एक घरेलू उपचार के रूप में है और इसे किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

मलेरिया एक संक्रामक रोग है, जिसे मच्छर के काटने से होता है। पपीते के पत्तों का जूस पीने के फायदे मलेरिया के लक्षणों को कम करने में हो सकते हैं, लेकिन इसे किसी भी प्रकार से डॉक्टर के उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। पपीते के पत्तों में मौजूद ऐंटी-मलेरियल गुण मलेरिया के वायरस के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं, परंतु मलेरिया एक गंभीर बीमारी है और इसके उपचार के लिए चिकित्सकीय सलाह और उपचार आवश्यक हैं।

मलेरिया के उपचार में डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयों का सेवन, सही आहार और पर्याप्त आराम महत्वपूर्ण है। किसी भी घरेलू उपचार को आजमाने से पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

 3) जिगर की सफाई | For lever

Fatty Lever

Papaya Leaves लीवर की सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इसकी क्रियाशीलता को बढ़ावा दे सकते हैं। पपीते के पत्तों का जूस लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में सहायक माना जाता है। पपीते के पत्तों में पपेन और चाइमोपेपेन नामक एंजाइम होते हैं, जो पाचन और लिवर की सफाई में मदद कर सकते हैं। यह जूस लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाने और उसे स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है।

इसके अलावा, कुछ अनुसंधानों में यह भी पाया गया है कि पपीते के पत्ते अधिक मात्रा में अल्कोहल पीने के नकरात्मक प्रभाव को कमजोर कर सकते हैं । इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो लिवर की सूजन और क्षति को कम करने में मददगार हो सकते हैं।

4) एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण | Anti-inflammatory properties

Immunity

पपीते के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को घटाने में मदद करते हैं। इससे जोड़ों और शारीरिक संरचनाओं की स्थिति में सुधार होता है, और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। पपीते के पत्तों का नियमित सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं के बचाव में भी फायदेमंद है।

5) बालों की सेहत के लिए | Benefits of papaya leaf juice for hair

FOR HAIR

पपीते के पत्ते बालों की सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं। इनमें मौजूद एंजाइम्स और विटामिन्स बालों के झड़ने को रोकने और उनकी ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, इनके एंटी-फंगल गुण रूसी से छुटकारा दिलाते हैं। 

 पपीते के पत्ते रूसी (dandruff) से छुटकारा पाने के लिए:

  • पपीते के पत्ते को अच्छी तरह से पीसकर इसका पेस्ट तैयार करें।
  • इस पेस्ट में कुछ बूँदें नीम के तेल की भी मिला सकते हैं, क्योंकि नीम एंटी-फंगल गुण से भरपूर होता है।
  • इस मिश्रण को अपने सिर पर अच्छी तरह लगाएं, विशेष रूप से जहां रूसी ज्यादा है।
  • इसे लगभग 20-30 मिनट तक लगा रखें।
  • फिर सामान्य शैम्पू से सिर धो लें।

Note: हर सप्ताह इस प्रक्रिया को दोहराएं ताकि रूसी से मुक्ति मिल सके।

6) कैंसर कम करने में मददगार पपीता | Papaya benifical in cancer

cancer

यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा (यूएफ) के शोधकर्ताओं ने पपीते की चाय में कैंसर से लड़ने वाले गुणों का पता लगाया है। अनेक अध्ययनों से यह सामने आया है कि पेक्टिन, जो कि पपीते में पाया जाता है, कैंसर की विकसन प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। पेक्टिन की यह क्षमता इसलिए होती है क्योंकि यह कैंसर की कोशिकाओं को शरीर के अन्य भागों में फैलने से रोक सकता है, जिससे वे कोशिकाएं शरीर में फैलने की अपनी क्षमता खो देती हैं।

Note: यह कैंसर का इलाज नहीं, बल्कि केवल कम करने का उपाय है।

7) टाइफाइड में पपीते के पत्ते | Papaya leaf for typhoid

Fever

ध्यान दें: यह जानकारी केवल एक घरेलू उपचार के रूप में है और इसे किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

टाइफाइड में पपीते के पत्तों का उपयोग करने का एक पारंपरिक विचार है। माना जाता है कि पपीते के पत्तों में उपस्थित औषधीय गुण इम्युनिटी को बढ़ाते हैं और टाइफाइड के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। टाइफाइड जैसे गंभीर रोग के उपचार में चिकित्सकीय सलाह और उपचार को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।

पपीता के पत्ते का उपयोग | uses of papaya leaf

पपीते के पत्तों का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है. यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:

  • papaya leaf juice: पपीते के पत्ते को धोकर उसका जूस निकाल सकते हैं। 
  • Papaya tea:पपीते के पत्ते की चाय भी उपयोग में लाई जा सकती है। 
  • papaya leaf extract: पपीते के पत्तो का उपयोग काढ़ा के रूप में भी किया जा सकता है।
  • papaya leaf powder: पपीते के पत्तों का पाउडर बना कर भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • papaya leaf tablet:पपीते के पत्ते की टैबलेट्स बाजार में उपलब्ध होती हैं।

पपीते के पत्ते का जूस कैसे बनाएं | How to make papaya leaf juice

सामग्री:

  • पपीते के पत्ते – 5 से 6 (ताजा और हरे होने चाहिए)
  • पानी – 1 कप (अगर जरूरत हो तो)
  • शहद – 1 चम्मच (स्वाद के अनुसार)
  • निम्बू – 1 (स्वाद अनुसार)

विधि:

  • पपीते के पत्ते धो कर बारीक काटें।
  • मिक्सर में पीसें और छान लें।
  • शहद मिलाकर पपीते के पत्ते का रस पी सकते हैं।

पपीते के पत्ते की चाय | Papaya leaf tea

सामग्री:

  • पपीते के पत्ते – 2 से 3
  • पानी – 1 कप
  • शहद या चीनी (अनुसार)
  • अदरक (वैकल्पिक) – 1 टुकड़ा

विधि:

  • पहले पपीते के पत्ते को अच्छे से धो लें और बारीक काट लें।
  • जब पानी अच्छी तरह से उबालने लगे, उसमें पपीते के पत्ते डाल दें।
  • अदरक का टुकड़ा भी डाल सकते हैं अगर आपको उसका स्वाद पसंद है।
  • 10 मिनट तक उसे उबालने दें।
  • चाय को छान कर शहद या चीनी मिला कर सेवन करें।

पपीता के पत्ते के जूस के नुकसान | Papaya leaf juice side effects

पपीते के पत्ते कई फायदे लाते हैं, लेकिन इनका अधिक या गलत तरीके से सेवन करने पर कुछ नुकसान भी हो सकते हैं:

  • स्टमक अपसेट:: पपीते के पत्तों का अधिक सेवन पेट में दर्द और दस्त जैसी परेशानियों का कारण बन सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए: गर्भवती महिलाओं को पपीते के पत्तों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि यह गर्भपात का कारण भी बन सकता है।
  • अलर्जी: कुछ लोगों को पपीते के पत्तों से अलर्जी हो सकती है, जिससे खुजली, लालिमा और अन्य त्वचा संक्रमण हो सकते हैं।
  • दवा के इंटरएक्शन: पपीते के पत्तों का सेवन कुछ दवाओं के साथ नकरात्मक प्रतिक्रिया कर सकता है।

पपीते के बीज | Papaya seeds

Seeds

पपीते के बीज आमतौर पर गोल आकार के और काले रंग के होते हैं। पपीता को काटते समय, आप देखेंगे कि उसके मध्य में जेली जैसे पदार्थ में अनेक छोटे-छोटे बीज बंद होते हैं। अधिकांश लोग पपीता खाने के वक्त इन बीजों को अलग कर देते हैं, क्योंकि इनका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है। यदि आप चाहें तो इन बीजों को सुखाकर मसाले या पाउडर के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

अगर आप इन बीजों को सूखा लें और उन्हें भूमि में बो दें, तो इनसे पपीता के पेड़ भी उग सकते हैं।

पपीते के बीज के फायदे | Papaya seeds benefits

1) फूड प्वाइजनिंग की समस्या से राहत | Relief from Food Poisoning

Indigestion

पपीते के बीज में पैपेइन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो मुख्यत: प्रोटीन को पचाने में मदद करता है। इस एंजाइम की मदद से, फूड प्वाइजनिंग जैसी स्थितियों में भी पेट की जलन और डाइजेस्टिव इश्यूज को कम किया जा सकता है। इस तरह, पपीते के बीज पाचन क्रिया को सुधारने में और खाना पचाने में सहायक हो सकते हैं, जिससे फूड प्वाइजनिंग से उत्पन्न हुई पेट की परेशानियों में राहत मिल सकती है।

2) कीटाणु नाशक | Disinfectant

Disinfection

विभिन्न अध्ययनों से यह स्पष्ट होता है कि पपीते के बीज विशेष गुणवत्ता वाले हैं। इन बीजों में पाए जाने वाले कारपेन नामक तत्व  आंत में मौजूद हानिकारक कीटाणु और कृमियों को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।इसके साथ ही, इसका सेवन आंतों की गति को भी बेहतर बना सकता है, जिससे पाचन तंत्र में सुधार होता है। नियमित सेवन पेट की परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है।

3) दांतों के लिए | For teeth

Teeth

पपीते के बीज में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहके बैक्टीरिया को नियंत्रित करते हैं, दांतों की सड़न से बचाव में सहायक हैं। इनका पाउडर मुंह की बदबू को दूर करता है और मसूड़ों की सूजन व जलन में राहत प्रदान करता है।

टीथ और मसूड़ों  की प्रॉब्लम दूर करने के लिए

  • पपीते के बीज का पाउडर टूथपेस्ट में मिलाकर ब्रश करे।
  • पाउडर को पानी में मिलाकर कुल्ला करें।
  • इसे पानी में मिलाकर दांत और मसूड़ों पर लेप के रूप में लगाएं।

पपीते के बीज का उपयोग | Papaya seeds use

  • सलाद में: ताजा पपीते के बीजों को सलाद में मिला कर उसे और भी पौष्टिक बना सकते हैं।
  • स्मूदी में: पपीते के बीज को स्मूदी में मिला कर आप उसे और भी ज्यादा सेहतमंद बना सकते हैं।
  • चूर्ण: बीजों को सुखाकर पीस लें और चूर्ण के रूप में उपयोग करें।

पपीते के बीज का चूर्ण | Papaya seeds powder

सामग्री:

  • पपीते के ताजा बीज
  • पानी (धोने के लिए)

विधि:

  • पपीते के बीजों को धोकर सुखा लें।
  • सुखे बीजों को तवे पर 5-10 मिनट भूनें।
  • भूने हुए बीजों को मिक्सी में पीस लें।
  • चूर्ण को ऐरटाइट कंटेनर में  में रख दें।

पपीता के बीज के नुकसान | Papaya seeds side effects

पपीते के बीज अनेक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। हालांकि, अधिक मात्रा में या अनुचित तरीके से इनका सेवन करने पर वही समस्याएँ हो सकती हैं जो पपीते की पत्तियों से होती हैं। इसके अलावा, पपीते के बीज को अधिक मात्रा में सेवन करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में घात हो सकता है।

पपीते के दूध के फायदे | Papaya milk benefits

1) जख्मों का उपचार | Wound treatment

firstaid

पपीते के लैटेक्स में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो जख्मों में होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, यह जख्म से जुड़ी जलन और सूजन को कम करने में भी कारगर साबित हो सकता है। और  यह घाव भरने में भी मदद करता है।

2) एक्जिमा और दाद में लाभदायक | Beneficial in eczema and ringworm

Skin

पपीते के लैटेक्स में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दाद और एक्जिमा में मदद कर सकते हैं। यह सूजन को कम करता है और बैक्टीरिया को नियंत्रित करता है, जिससे त्वचा स्वस्थ रहती है।

पपीते के लैटेक्स (दूध) का इस्तेमाल मुख्य रूप से मांस को नरम करने, च्यूइंग गम बनाने, सौंदर्य प्रसाधन बनाने, त्वचा के दाग हटाने और कई तरह की दवाइयाँ बनाने में होता है। इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए क्योंकि कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।

निष्कर्ष

पपीते के विभिन्न भाग, चाहे वह पत्तियाँ हों, बीज हों या उसका फल हो, सभी में स्वास्थ्यवर्धक गुण समाहित हैं। ये गुण हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। हालांकि, किसी भी प्राकृतिक चीज का सेवन करते समय सावधानी बरतना और जरूरत से ज्यादा उपयोग से बचना चाहिए। अधिक और अनुचित सेवन से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए, सही जानकारी और चिकित्सक की सलाह के बिना किसी भी उपचार को आज़माना नहीं चाहिए।

FAQs

पपीते के पत्ते का जूस कितनी मात्रा में पीना चाहिए?

पपीते के पत्ते का जूस प्रतिदिन 30-50 मिलीलीटर (लगभग दो चम्‍मच), मात्रा में पीना सुझावित है।

पपीते के पत्ते का जूस कब पीना चाहिए?

पपीते के पत्ते का जूस सुबह खाली पेट पीना सबसे अच्छा माना जाता है, ताकि इसके फायदे अधिकतम हो सकें।

पपीते के पत्ते का जूस कितने दिन पीना चाहिए?

पपीते के पत्ते का जूस लगातार ब्‍लड प्‍लेटलेट्स बढ़ाने के लिए कुछ दिनों (3-4 months) तक पी सकते हैं।

पपीते का पत्ता गर्म होता है या ठंडा?

पपीते के पत्ते की तासीर आयुर्वेद में उष्ण (गर्म) वीर्य वाला मानी जाता है।

पपीते का बीज(papaya seeds) कितने दिन में उगता है ?

पपीते के बीज आमतौर पर 7 से 21 दिन में अंकुरित होते हैं, पर यह पारिस्थितिकी और मिट्टी के प्रकार पर भी निर्भर करता है।

पपीता का पौधा (papaya plant)कहां मिलेगा?

बागवानी नर्सरी, कृषि मेलों में, ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल्स पर मिलेगा।

papaya leaf tablet किसके काम आती है?

पपीते की पत्ती की टैबलेट डेंगू, मलेरिया और अन्य बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयुक्त होती है।

पपीते के पेड़ की देखभाल कैसे करें?

पूरी तरह से धूप में लगाएं। अधिक या कम पानी न दें। मिट्टी में अच्छी जलनिकासी होनी चाहिए। प्रतिसप्ताह जैविक खाद दें। कीटों और रोगों से बचाव के लिए उपयुक्त उपाय करें।

पपीते के पत्ते का जूस खाली पेट पीना चाहिए ?

खाली पेट पपीते के पत्तों का पानी पीने से पेट में गैस की समस्या में आराम मिलता है और पाचन क्रिया भी तेज हो जाती है। यह गैस और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने में सहायक हो सकता है। लेकिन इसके लिए चिकित्सकीय सलाह आवश्यक है।

पपीते के छिलके के फायदे क्या है?

पपीते के छिलके में पाचक एंजाइम पैपेइन होता है जो मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है, जिससे त्वचा साफ और निखरी होती है। छिलकों का पेस्ट दाग और धब्बों को कम कर सकता है। पपीते के छिलके से तेल और मुहांसों की समस्या में राहत मिल सकती है। बढ़ती उम्र में पपीते के छिलके त्वचा के झुर्रियों, ढीलापन और रंगत में सुधार कर सकते हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और पैपेइन त्वचा को जवां और ताजगी प्रदान करते हैं। पपीते के ठंडे  छिलके को आँखों के नीचे रखने से सूजन कम होती है।पपीते के  छिलके को बाग़ में रखने से कीड़े दूर रहते हैं।

पपीते की जड़ से पथरी का इलाज हो सकता है?

पपीते की जड़ को पथरी निकालने के लिए पारंपरिक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए 7-8 ग्राम पपीते की जड़ को एक गिलास पानी में मिलाकर उबालें, फिर छान लें। इस पानी का नियमित सेवन करने से माना जाता है कि पथरी गल जाती है और कुछ ही दिनों में बाहर निकल जाती है। हालांकि, इस तरह के उपचार के लिए वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं और इसका प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है।

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